राधे राधे और दंडवत प्रणाम ! मेरे प्यारे रसिक भक्तों, आप सभी राधा कृष्ण प्रेमियों को मधुमति दासी की ओर से ये सप्रेम भेंट !!
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Original verses of Sri Sri Vilaap-kusumanjali in Devnaagari as well as Roman script
LOVE : the goal of life
अगर हमें भी श्रील प्रबोधानंद सरस्वती पाद की तरह स्फुरण होता, तो फिर कितना आनंद होता ! क्यों न हम कुछ ऐसा प्रयत्न करें जिस से हमें भी उनकी तरह स्फुरण प्राप्त हो? इसकी पहली कड़ी है कि हम बहुत ही आर्ति और उत्कन्ठा के साथ युगल सरकार से प्रार्थना करें । और ये प्रार्थनाएँ कैसी हों ? जानने के लिये जानने के लिये तैर कर देखिये : मीठी प्रार्थनाओं की लहरों पे |
प्राणप्रिय श्री गौरसुन्दर के पार्षदों ने अष्टकालिय लीलाओं को बड़े ही सुललित गीतों के माध्यम से पेश किया है । ये गीत इन लीलाओं को याद रखने के लिये एक आसान तरीका है । अगर आम भक्त इन्हें भजन का ज़रिया न भी बनाना चाहें, इनमें सिर्फ डूब जाना ही अपने आप में एक भजन है |
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