सब धेनूगण लेकर गोपगण
सावधानी से चराये,
कान्हा दाऊजी के पास जाकर रखे विनम्र आस
वनशोभा देखन जाये ।
कानू कहे, ‘’अरे भाई, खेलो सब रहकर यहीं,
मैं लौटूंगा उपवन देखकर,
दाऊ के पास रहना यहां वहां न भटकना
नहीं तो असुर ले जायेगा उठाकर ।
बच्चों को गौओं में लगाकर सुबल और बटू को लेकर
चल पड़े नटराय
पहुंचकर राधाकुंड कूल ठहरा कदम्ब-मूल
भगत रस-गान गाये ।