श्री श्री राधा-कृष्ण का वन-विहार (बसन्त-विहार) –

कानन देवी ने किया इशारा समय जानकर,

बसन्त से कहा, ‘’सेवा करो होकर तत्पर’’ ।

 

शत शत मणिमय पिचकारी लाकर,

रखा कुंकुम – चन्दन जल भरकर ।

 

एक एक करके सखियां आईं,

शत शत कुसुम-गेन्द रचाईं ।

 

फूलों की वारि झारी भर लाये,

उसमें मृगमद जल मिलायें ।

 

श्याम उठाये जल-भरी पिचकारी,

देख कान्हाप्रिया जाये बलिहारी ।