गौरचन्द्र – रसालस –
१
सबेरा होते ही, शेज[1] त्याजहिं[2],
उठे गौर-विधु[3],
विगलित वेश, अस्त-व्यस्त केश,
जैसे कोई नयी कुल-वधू[4] ।
देखें भकतगण मेरे प्रियजन,
इसलिये उठ बैठे,
डाल रहे मधु, कहे मृदु-मृदु,
रजनी … Read more >
१
सबेरा होते ही, शेज[1] त्याजहिं[2],
उठे गौर-विधु[3],
विगलित वेश, अस्त-व्यस्त केश,
जैसे कोई नयी कुल-वधू[4] ।
देखें भकतगण मेरे प्रियजन,
इसलिये उठ बैठे,
डाल रहे मधु, कहे मृदु-मृदु,
रजनी … Read more >
Radhe Radhe !
In Greece there was a great philosopher named Socrates. One day when he was surrounded by his disciples, a man came up to him and started abusing him in different ways. He also pointed out many of … Read more >
इधर वह किंकरी, राधा का उत्तरी[1] पीतवास खींच लिया,
झट से नीलाम्बर राधा के वक्ष पर तेज़ी से डाल दिया ।
विशाखा-वचन सुन मुखरा उस क्षण हुई लज्जित अति,
मुझे बहुत काम है, फालतु वक्त किसे है ? कहकर … Read more >
१
नींद में नींद[1] गयी बाला,
रात भर जागकर हो गयी दुर्बला ।
जैसे बिजली की लता है यह रामा,
रति-रण के छरम[2]-घरम[3] से भरी श्यामा ।
अलस … Read more >
Radhe Radhe !!
We had a grand Narasimha Appearance Day this year. The enjoyment far transcended the previous years – and i am at aloss to understand why. The best part was the sankirtan.
DH sang Narasimha stuti so sweetly … Read more >
१
सबेरे आकर भकत-गण,
देखा गौर का चांद बदन ।
आंखें थोडी सी बन्द थीं,
नींद से नयन गुलाबी थीं ।
उंगलियों को मोड़कर, मोड़े तनु,
जैसे बिना गुण[1] के स्वर्ण-धनु ।
देखन को आवे भकत-गण,
वे मिले सबसे … Read more >
आधा पग चलकर उनका वह लौटना….
हाय ! एक दूसरे को फिर से वह चूमना……
दोनों की आंखों से जल-धारा बहई,
रो-रोकर सखियां चल न सकई।
भीत चकित चारों ओर निहारतीं[1] ,
खु्ले कुसुम और भारी कुन्तल[2] संभालतीं… Read more >
Radhe Radhe !
My Vijay dada sent me this on Sri Narasimha Chaturdashi –
What a beautiful prayer !
८
अपने अपने मन्दिर को लौटते हुये, मुड़ मुड़ कर एक-दूजे को देखते हुये,
दिल में प्रेम-खीर-सागर उछलते हुये, सघन आंसू से नयन भीगते हुये ।
ओह माधव ! विदाय-प्रणाम कर रही हूं,
तेरा प्रेम साथ लिये जा रही हूं,… Read more >
७
राई को निरुपम सजाया कान,
देख धनी-मुख सजल हुये नयान ।
कक्खटी वानरी पेड़ पर ठहरी,
” जटीला आ गयी “, फिर से पुकारी ।
सुनकर दोनों के चमके चित,
वेश और गहने हुये विपरीत ।
भूलकर पीताम्बर लिया … Read more >