When Vijay dada saw Neelu’s turban, he was astounded. The paag was definitely twice the size of Neelu. So he thought and thought………..Then Neelu revealed to him the reason for the turban being so big. It was not his at all, to begin with, but belonged to Nanda Baba ! And what happened to Neelu when he wore it ? The paag passed on Nanda Baba’s bhaav to Neelu. Oh no !! What a disaster ! Now read on……..
मोहन को सुंदर सजायो ब्रज रानी ने
और आज बाबा ने अपना फेंटा लाला के सर पे रख दियो
यशोमती आज बड़ी हरखाई इस नए रूप को देख के
बाबा का फेंटा पहन के आज गूम रह्यो
बाबा की तरह गोउ की सेवा करना पड़ेंगा
मोहन सोच रहियो आब माखन चोरी छुटेगा
यही है बाबा का फेंटा का कमाल
मन बड़ा हुआ भरी जो आदत मोहन की छूटे
सखा आये नीलू को संग खेलन को और भूख बड़ी
मोहन के सखा का प्रेम बड़ा और बोला –
अरे ! गोपालो आज किस बात पर जल्दी पधारे
जाओ अप्ने बबा संग घर मीम हाथ बड़ाओई
करते रहते पूरा धमाल मस्ती ब्रज गलियों मरीं और शोर भरी
आदत सुधारो चोरी की और राम का नाम लो जो बड़ा
मेरा नाम बड़ा बदनाम हुआ जब से आप से संग किया
सादिकी बात मेरी चल रही है भनु किशोरी के संग
मोहन बोला चोरी करना मुजे आता नहीं
सखा बड़े भये वयाकूल नई रीती से
लाला कोण सी निति रीती के बात करे जो सपने में न सोचत
देख रहे एक दूसरे के मूह और कभी मोहन की और
मधुमंगल भेद जब समजयो तो जो भी अति चतुर
सब मिलके श्याम के हाथ और पकड़ो प्यारे के
मोहन भी समाज न पायो आई सखा की कोण सी नई रीती
और खिच्यो बाबा का फेंटा जो पहनके बोले उलटी सीधी वाणी
रखियो वोही मोर मुगूट मोहन के सर पैर जो सदा धरे
आब मोहन चोरी का नए नए दाव सोच रहियो
चलो सखा मेरे संग आज करेंगे लूट भरी ब्रज गलियों में
मोहन को सब ने जय जय कर कियो जो हुआ चोर फिर
आज गिरधारी किस के घर लूटेंगो माखन अपना समज कर
विजय कृष्ण दास ब्रजरज कृपा से वोही गोपी घर जनम मांगे
7 thoughts on “नीलु बड़ो कि पाग बड़ो ?”