Arun charan (Rosy feet)

Radhe Radhe !

Vijay dada writes –

श्याम  है मोहन
तो अरूण चरण करे मोहित
शोभित सुंदर नूपूर से जो अरूण
नूपुर जन्कार से रहे ब्रज गली गूंजत
जो अमृत बन के रहे करणों में
मोहन की गज गति चाल  ऊपर से
चैन खोकर बावरी बनी ब्रज नारियाँ
न समज  सके कोई भेद गोपिका को
भूली संसार चित रह्यो मोहन चरण
जो अत्ति कोमल कमल दल सामान
रह्यो मन मंडराई  निज भंवर  समान
लाल रीती बड़ी मीठी जो अब न भूली 
ठगाई ब्रज गोपी जो भोली प्रीत कर 
कोटि तेज रह्यो लाल के नख में
कंठ माला जूलत रही चरण तउक
पित पुष्प  शोभत श्याम बदन भारी
चन्दन और तुलसी करी अर्पित  चरण
विजय्क्र्सना दास करे श्रिंगार  पुरण