Radhe Radhe !! Another nice entry from Vijay dada –
गोरी राधा संग पायके मोहन सोभ गयो
जैसे मोहन अन्ग सोभ गयो सुभ्र वस्त्र
नख सिख कालो लाल तो राधा रही गोरी
अभूसन रत्न और मोती के रहे अंग दोनों
करण कूंडल रत्न के , बड़े सुंदर रहे
पड्यो प्रतिबिम्ब अनेक कूंडल पर्स्पेरको
रत्नमय कूडल छ्ब्बी से रह्यो मोहक अति
एक लाल अनेक बिम्ब्में रह्यो कान कूंडल
वक्ष माला , हाथ कंगन और नथनी,राधा
मोतिन माला भानूजा कर जो रची सखी ने
शवेत पाग ऊपर मोर पिन्च मन भावक
मोहन कर मुरलिया करत नाद राधा नाम
सून मुरलिया तान, छोड़ी तरूण ब्रज हिरनिया बाल
रही रंगीनी , मोहन चरण जो राधा प्रिय
विजय्क्र्सना दास अति दुखी रह्यो जो
रंगीनी रही,आन्तारय लाल चरण दर्शन में