Radhe Radhe !
This poem is by Vijay dada.
मोहन राधा
राधा और मोहन सजे सुंदर
श्याम रंग मोहन तो गोरी भानु दुलारी
छलिया गोपाल तो भोली राधा
काली अमास पूर्ण चन्द्र से शोभित
संग शोभित रही सखिया तारे सम… Read more >
Radhe Radhe !
This poem is by Vijay dada.
मोहन राधा
राधा और मोहन सजे सुंदर
श्याम रंग मोहन तो गोरी भानु दुलारी
छलिया गोपाल तो भोली राधा
काली अमास पूर्ण चन्द्र से शोभित
संग शोभित रही सखिया तारे सम… Read more >