लुट गये !!! ओ लुट गये हम तेरे प्यार में………….


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Neelu on Chandan-yatra


चोरी हुई है भारी चोरी हुई है भारी
मेरे  घर में चोरी हुई कल  को
लुट गई ब्रज गली  शोर कर रही  एक नारी 

ब्रज वासी निकल आये आगन में सुन के पुकार
किस ब्बात से चिला रही जरा खोल के बता दे
और  दौड़ के कहाँ जा रही भोर भये  इतनी
ब्रज भूमि ऊँची नीची संभल के पैर रख
बावरी बन के ब्रज में कयूं भाग रही

माखन  लूट्यो  मटकी फूट घर में चारों ओर
घर में रहत कमल की खुशबू जो मोहन की है
ननद रानी  को बतलाऊंगी जो मानत नहीं बात
लालन की बात आज खोल दूँगी सब चोरीं की

ओ यशोदा तू जरा महल से बहार निकल के मेरी बात सून ले
माता बोली घर में काम रहत बड़े और किस बात को सुभाह में आई
लाला के लिए मखा निकल रही हूँ गंगी गयां का जो सदा लगत प्यारा
अरे जरा साँस ले हलको और बात कर थडी मीठी
आदत मेरे मोहन की नहीं है चोरी की है ननंद की नव लाख गैया

ब्रज  में घर घर लाला सब का क्यूं मोहन को नाम बिगड़े
मोहन को चोरी करते मेने देखा और उठी तो भाग्यो खिड़की से
मेरो सपनो न समज और मोहन के चरण छाप  घर में पड़ी
भूल गयो यह बंसी  जो प्यारी जब दोद्यो खिड़की से
संग में सखा और बड़े बंदर जो भूखे डोल रहे   मोहन साथ  सदा

यह गोपी सबको बता रही है भाग्य बड़ो और समज न पाए कोई
आज भोली गोपी न करे फरियाद किन्तु करे बड़ाई
जो मोहन बन्यो चोर आज और जनम जनम के चोरी गयो पाप पुन्य सब
यह गोपी के भाग्य पे बलिहारी जाऊ और सदा  ब्रजरज लग्गाऊ
ब्रजराज की यह ब्रज लीला ब्रजरज की क्रुपा से ही कोई जाने
विजय कृष्ण दास मांगे इश गोपी गर्भ में बस अंतिम जनम

2 thoughts on “लुट गये !!! ओ लुट गये हम तेरे प्यार में………….

  1. राधे राधे आज बड़ो धुप पड रह्यो ब्रज मैं मैयां सोच राही लालन को कैसो श्रिंगार करू अरूण माथे पे तप रह्यो और लाला मेरो कोमल लाल को यशोदा कुण्ड पे स्नान दियो रोहिणी संग बलदाऊ जी महाराज दोनों जल में खेलत पाए अति शीतलता मैया ने दोनों को हल्दी को अन्ग लगायो पर कारो कारो श्याम उजरो न होय तिल भर बल देव को रंग और भी गोरो होय देख हरखाई माता दाऊ श्याम देखि बड़ो हरखाई गले लगायो श्याम ओर गोरो को अद्भूत मिलन आज कुण्ड तट यसोदा ने आज केसर चन्दन को अंगराग लगायो नीलू की सुन्दरता ने माता को मन हरी लियो लालन को बड़ी शीतलता पाई ओर शिर पे मोर पिछ लगायो कारो लाल आल उजारो भयो देख यशोदा हुई चकित माता बावरी बनी मोहन को लेत बलाई विजय क्र्सना दास कहे ब्रजरज चन्दन से कोटि शीतल होई 😆
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