Softer than lotus

राग मायुर

 

कमल-कुसुम सुकोमल कान्ति,

सर पे मोर-पंख की पंक्ति ।

 

आकूल अलि[1]-कुल बकुल की माला,

चन्दन चांद-चर्चित भाला[2]

 

मदन मोहन मूर्ति कान्ह[3],

देख उन्माद हुये युवती-प्राण ।

 

भौं-विभंगिम[4] दे हिचकोले,

उन्नत नासा पे मुक्ता डोले ।

 

बंकिम ग्रीवा, मीठा बोले,

कंचन-कुंडल गाल पे डोले ।

 

मणिमय आभूषण अंग पे विराजे,

पीत निचोल[5] उस पर सजे ।

 

अरुण-चरण पे मणि-मंजीर सोहे,

गोविन्द दास को और[6] न भाये ।

 


[1]भ्रमर ; भ्रमर आकुल होकर बकुल की माला पर मंडरा रहे हैं ।

[2]भाल

[3]कान्हा

[4]भौंहों को अच्छी तरह से नचाना – उन्हें देखकर गोपियों कें दिल हिचकोले खाते हैं ।

[5]धोती

[6]कोई और