Little birdies chirping in Nikunja today

ब्रज कुंजोकी , सुन्दरता अनुपम

वृन्दा सजाके , करे मोहित युगल को

विविध रंगबिरंगी  ,अन्नेक पूष्प

जिसकी सुगंध करे  , लाल को आकर्षित

कुञ्ज मुखरित किया शुक , सारिका और

नाना प्रकार के   सुंदर पंछियो से

जो करे लाल की , ब्रज लीला का गान

आकर बिराजमान   , सजाये कुञ्ज में

देखत देखत  ,मन आती , लूभावे आज

 

एक पंछी बेठा  ,लाल की मुरली समीप

गुनगान करे मुरली के गूणोकी

कोई चरण  समीप देखे पायल को

तो कोई चरण – महिमा बखाने भारी

कोई रहे ब्रज भूमि , जो मधुर रसमयी

 

एक बेठा  ,राधा के बांये केश पर

सुंदर सजे केशो की  महिमा करे

और करे राधा नाम की महिमा  उंच नाद से

जिस नाम से  ,ब्रज महिमा अत्ति मधुर रही

जो गान , लाल कानो में अमरूत समान

आती,  प्रसन्न वृन्दा की सेवा से हुआ

और राखी मुरली , अधर तीरछी अदासे

ध्यान , गान किया राधा नाम का

विजयिराधिका दस , गिनत रहा पंछियो को