Yashoda Maiya decorating Neelmani

Radhe Radhe !
 
 
यशोदा मैया अपने प्यारे नट्खट को साज शृंगार कराके वन भेजती है । आखिर उनका बेटा कोई छोटा मोटा काम थोड़ा ही करता है ? उसका स्टेटस बहुत हाई है !!! वह गौ चराता है ।इसलिये वे अपनी सखियों से कह रहीं हैं – 
 
सखी, सजाओ सजाओ सजाओ मेरे गोपाल नीलमणि को, 
वह गोठ जायेगा, गौ चरायेगा, साथ राखाल लेके, 
सखी, सजाओ सजाओ सजाओ मेरे गोपाल नीलमणि को ।

पहनाओ उसे पीत वसन, चोलि भी देना साथे,
भाले तिलक, कानों में कुण्डल, शिखि-चुड़ा माथे ।

उसके गले पहनाओ बन-फुलों की माला,
हाथ में दो मोहन-बंसी और फुलों की बाला ।

उसके चरणों में पहनाओ सोने के नुपुर जो रुनुझुनु बजे,
सुनके नुपुर खुश होगी जशोमती माते ।

सखी, सजाओ सजाओ सजाओ मेरे गोपाल नीलमणि को, 
वह गोठ जायेगा, गौ चरायेगा, साथ राखाल लेके, 
सखी, सजाओ सजाओ सजाओ मेरे गोपाल नीलमणि को ।

(मधुमती अधिकरी द्वारा बंगला से अनुवादित)