शय्या-सेवा की प्रार्थना

 

अटरिया पर सुन्दर बगीचा है । उसके बीचोबीच मैं आसन बिछाऊँगी । तुम सखियों के साथ खूशी से उसपर बैठोगी । कब वह दिन आएगा जब तुम्हारे मुख में ताम्बूल अर्पण करूँगी और तुम्हारे चरणों को वक्ष में धरकर संवाहन Read more >

अपरान्ह लीला

 

अहा गान्धर्विके ! व्रजेश्वरी चंदनकला को तुम्हारे पास भेजेगी । वह आकर कहेगी,” जल्दी से गोविंद के लिए शाम का भोजन प्रस्तुत करो । माता ने वटक बनाकर भेज कहा है ।“  उसके सुमधुर बातों को सुनकर, तुम तुरंत पलंग Read more >

सूर्य पूजा लीला के लिए प्रार्थना

 

ऐसे ही वक्त पर मधुमंगल वहाँ पर आकर कहेगा – ” मैं तुम दोनों का सुख भंग तो नहीं करना चाहता, लेकिन वह पापी जटिला आ रही है । हाय , मैं क्या करूँ ? और ये मुखरा तो पास Read more >

पाँसा खेल के लिए प्रार्थना

 

चित्रा के विचित्र कुंज में एक चित्र-मणिवेदी है । उस पर मैं चित्रासन बिछाऊँगी । नागर चतुर हैं, तो राधारानी भी चतुरा हैं । दोनों प्रसन्न होकर वहाँ बैठेंगे । उनके चारों तरफ़ सूचतुरी पंछियाँ होंगी । वृंदा देवी पासें Read more >