राई को देखकर जोश में आकर
मैया ने उठाया गोदी में,
चिबुक पकड़कर चुम्बन देकर
भीगीं आंसूवन में ।
राई को देखकर जोश में आकर
मैया ने उठाया गोदी में,
चिबुक पकड़कर चुम्बन देकर
भीगीं आंसूवन में ।
राह में गुज़रते वक़्त नैन हुये चार,
दिल को मिला चैन, आंखों में ख़ुमार ।
सुन्दरी राधा सखी संग जाई,
नन्दालय के पथ पर लेकर बधाई ।
१
सबेरा होते ही, शेज[1] त्याजहिं[2],
उठे गौर-विधु[3],
विगलित वेश, अस्त-व्यस्त केश,
जैसे कोई नयी कुल-वधू[4] ।
देखें भकतगण मेरे प्रियजन,
इसलिये उठ बैठे,
डाल रहे मधु, कहे मृदु-मृदु,
रजनी … Read more >
इधर वह किंकरी, राधा का उत्तरी[1] पीतवास खींच लिया,
झट से नीलाम्बर राधा के वक्ष पर तेज़ी से डाल दिया ।
विशाखा-वचन सुन मुखरा उस क्षण हुई लज्जित अति,
मुझे बहुत काम है, फालतु वक्त किसे है ? कहकर … Read more >
Radhe Radhe !!
Another kind contribution by dear Jayesh bhai. This time the heading is – Dharma Personified.
As i stared all the glitter, i wistfully thought:mrgreen: …………wish this was GV……..ALL Gvs getting together, chanting Mahamantra in there, yes !! … Read more >