३९
गर्मी और बरसात के मौसम कितने मधुमय होते हैं । पेड़ और लताएँ , फल और फूलों से झुक जाते हैं । श्री कुण्ड के तट पर पेड़ खिल उठते हैं और सुन्दर दिखने लगते हैं । तोते और … Read more >
३९
गर्मी और बरसात के मौसम कितने मधुमय होते हैं । पेड़ और लताएँ , फल और फूलों से झुक जाते हैं । श्री कुण्ड के तट पर पेड़ खिल उठते हैं और सुन्दर दिखने लगते हैं । तोते और … Read more >
Radhe Radhe !
Throughout the centuries, Mother India and her people have received the greatest tributes from prominent members of other nations – people who mattered then and whose words still matter to the world. They are thinkers who have … Read more >
३५
इसके बाद वृन्दा तुम दोनों के चरणों में सकरुण निवेदन करेगी । वृन्दा कहेगी, “ छः ऋतुओं ने मुझे भेजा है । हे प्राणेश्वरी, तुम ध्यान से सुनो । उन्होंने विनती की है कि राधा-कृष्ण सखियों के साथ आकर … Read more >
२८
सब सखियाँ मस्ती में आ जायेंगीं । उनमें कुटिलता का रस तो है ही । फूल चुनने के बहाने वे प्राणनाथ के संग खिलवाड़ करेंगे । झूठ मूठ झगड़ा करेंगे । तुम भी कपट क्रोध में आकर मुझे आनंदित … Read more >
२१
धनी रंगिली मन्दिर में आनन्दित होकर बैठी होंगी । सखियां उन्हें घेरी हुई होंगी । सब मिलकर कितने हंसी-मज़ाक करोगी । क्या मैं वह दृश्य देख पाऊंगी ?
माता ब्रजेश्वरी चन्दनकला के हाथ में नीले रंग का वसन देंगी, … Read more >
१६
व्रजेश्वरी कहेंगी – “ सुनो, मेरी सुंदरी गौरी, तुम तो वृषभानु महाराज के कुल के सूरज हो । पूरे त्रिभुवन में तुम्हारा यश विस्तारित है । यह तो मेरे घर का सौभाग्य है कि तुम यहाँ पर आई हो … Read more >
१०
बड़े ही उत्कृष्ट धूप और अगुरु जलाकर उससे तुम्हारे भारी केश सुखाऊँगी और फिर उसमें चंद्र चूरण लगाऊँगी । तुम्हारे केश भार को हाथों में पकडकर , सोने की कंगी से धीरे धीरे शोधन करूँगी । हा हा मुक्तकेशी… Read more >
तुम्हारे अंगों को सुगन्धित तेल से मार्जन करूँगी । वह तेल कैसा होगा ? वह गुलाबी रंग का बहुत ही मनोरम तेल होगा । और उसमें ढेर सारा नया कुंकुम मिश्रित होगा । तुम्हारे तन पर उबटन लगाकर, फिर, आँवले … Read more >
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