” कानन में श्याम ही श्याम “

दोनों के चेहरे देखकर दोनों को हुआ धन्द[1],

राई कहे तमाल, तो माधव कहे चन्द ।

प्रगट भयो मोहन ब्रज में

राधे राधे

 

A nice entry fron Vijay dada –

प्रगट भयो मोहन ब्रज में ननद भवन
अति सुख दियो मात यशोमती गोद
ब्रजवासी  मोहन के रूप में दिन रात भूले
माधुरी ने ब्रज गोपीन को हरदय चीरो
मथुरा को राजा
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राधारानी राधा-वल्लभ को न पहचाने

कहे राई, ‘’यह रूप         है बड़ा अपरूप,

                साक्षात में होवे चमत्कार,

तरुण तमाल है क्या ?             नवमेघ है क्या ?

                क्या यह है इन्द्रनीलमणि ?

The achintya-bhed-abhed of Neelu and Keshu

Radhe Radhe !

 

Keshu came and lived with Neelu for a month. And Vijay dada understood the big secret……..

 

नीलू सखा संग गौ चारण चल   दियो
वन  जाने में मोहन को अति सूख मिल्यो

 

सखा विविध  विचित्र बात और हास्य … Read more >