श्रीवास प्रांगन में मेरे गौरकिशोर प्रेम में मगन होकर नाचेंगे, और राधा भाव में विभोर हो जाएँगे । दोनों प्रभु – नित्यानंद और अद्वैत – उनके दोनों तरफ नाच रहे होंगे ।
Author Archives: Madhumatidasi Adhikari
नवद्वीप – १
नवद्वीप
श्रीवास प्रांगण मध्यस्थः स्वापि भक्त गणैः सः
कदा पश्यामि गौरांग तव क्रीडित माधुरी |
निशांते गौर चंद्रस्य शयनाञ्च निजालये
प्रातः काल कृतोत्थान स्नानं तत्भोजनादिकम ।।
Loving Krishna on His terms……….
Radhe Radhe !
Mann Bajaj, my friend, sent me this one. i wish i could love my Beloved Krishna in the same manner.
My wife called, ‘How long will you be with that newspaper? Will you come here & make … Read more >
योगपीठ
पीताम्बर घनश्याम द्विभुज सुन्दर,
कण्ठ में वनमाला, गुंजे मधुकर ।
शची माता गोराचांद को सजा रही है
शची मां कितने ही भुषणों से
सजा रही हैं गोराचांद को प्यार से ।
गौरचन्द्र – भोजन तथा वेश-भूषा
करके पिछ्ली यादें , प्रभु विभोर हुये,
पार्षदों को लेकर प्रभु भाव में डूब गये ।
राधारानी बाल-भोग-प्रसाद पाती हैं
रसोई से मलिना हुयी हसीना
बैठीं बाहर आकर,
पसीने से टलमल वह अंग झलमल
जैसे हों दिनकर ।
कन्हैया जी सखाओं के साथ भोजन कर रहे हैं –
शीतल जल से निर्मल सुगंध से
भरकर सोने के गिलास,
बड़े सावधानी से और प्यार से
रखा हर आसन के पास ।
Zakir Naik’s spreading Blunder – “Lord Rama ate meat”
“LETS SPREAD THIS TO STOP MISINTERPRETATION OF RAMAYANA”
Contributed By: Swami Abayananda Tirtha
Reference : Valmiki Ramayana
Hare Krishna
“If we are looking for God or an opportunity to learn and enrich our lives in every situation, we will find … Read more >
राधारानी के बनाये हुये पकवान –
भोर हुआ जैसे दास-दासियों से
मैया कराये काम-काज,
जिसका जो काम, सो करे अनुपाम,
होकर तत्पर आज ।