सखियों के आगमन देखकर हर्षित मन
धनी उठ बैठे शेज पर,
नयन मेलकर मूंह धोकर
सजे दिल भरकर ।
धनी हैं गुणवती सभी कलाओं मे कलावती,
जानकर श्याम का उद्देश,
मदन-मोहन के मन को हरने के कारण
धरतीं हैं निरुपम … Read more >
सखियों के आगमन देखकर हर्षित मन
धनी उठ बैठे शेज पर,
नयन मेलकर मूंह धोकर
सजे दिल भरकर ।
धनी हैं गुणवती सभी कलाओं मे कलावती,
जानकर श्याम का उद्देश,
मदन-मोहन के मन को हरने के कारण
धरतीं हैं निरुपम … Read more >
अटरिया पे उठ कर देखे कानू,
मन्दिर के छत पर धनी, पुलकित तनू ।
दूर से दोनों एक दूजे को देखें,
अवश हुये तन, कैसे जिया रखें ?
भ्रमत गहन वन में जुगल-किशोर,
संग सखीगण आनन्द-विभोर ।
एक सखी कहे, “देखो देखो सखियन,
कैसे एक दूजे को देखें, अपलक अंखियन !’’
पेड़ हैं पुलकित, खुशबू[1] पाकर भ्रमर-गण
उनकी ओर[2] भागे त्यज फूलों का वन ।
दोनों … Read more >
(कभी तो राधारानी पहले ही पहुंच जाती हैं और श्यामसुन्दर उनको पहचान नहीं पाते) –
वृन्दा कहे ‘कान, करो अवधान,
नागरी है सरसी कूल,
करने देवता-पूजन, लाई हूं करके जतन,
वह देखो बकुल-मूल’ !
राधिका रूपसी साथ है तुलसी
कहे मधुर कथा
करो इसी क्षण कानन में गमन
नागर-शेखर यथा ।
करो तैयारियां सभी सखियां
होकर तुम तत्पर,
सावधान बनके सुर्यपूजा करके,
जल्दी लौटना घर ।
जब वन जाते हैं कान्हा
और लगाते हैं वेणू का निशाना,
मैया अंगपे हाथ फेरे और मुंह को पोंछे,
थन-खीर और नयन-नीर से धरती को सींचे ।
शीतल जल से निर्मल सुगंध से
भरकर सोने के गिलास,
बड़े सावधानी से और प्यार से
रखा हर आसन के पास ।
Listen, O Beauty !
Meaning –
When Laadliji was in a maan, Kanhaiyaaji sent dooti (messenger-sakhi) to make peace. She approached Her and said –
Listen, just listen to me, O beautiful girl ! How much more mân will You … Read more >