श्री श्री राधा-कृष्ण – शुक-शारी पाठ और पांसे का खेल –

राधा-माधव उठे शयन से अलस-अवश शरीर,

वनेश्श्वरी उस क्षण करके जतन लायी शारी-शुक कीर[1]

 

शुक-शारी को देखकर दोनों को हुआ आनन्द,

राई के इशारे पे वृन्दा पढ़ावे गीत-पद्य सुछन्द[2]

 

कानू के रूप लक्षण         शुक करे वर्णन,Read more >

श्री श्री राधा माधव के भोजन-अवशेष

रतन थाल भरई             चीनी केले मलाई

                लायीं  रसवती राई,

शीतल कुंज तल             खुशबू सुपरिमल

                बैठे नागर कन्हाई ।

लुट गये !!! ओ लुट गये हम तेरे प्यार में………….



चोरी हुई है भारी चोरी हुई है भारी
मेरे  घर में चोरी हुई कल  को
लुट गई ब्रज गली  शोर कर रही  एक नारी 

ब्रज वासी निकल आये आगन में सुन के पुकार
किस ब्बात से चिला रही जरा खोल
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