निशान्त-लीला ५

निशान्त-काल में जागकर सखियां

ताके वृन्दा-देवी की ओर,

“रति-रस आलस में सोये हैं दोनों,

तुरन्त जगाओ, हो गयी भोर !

 

जाओ, जाओ, करो प्रयास !

राई को जगा कर ले जाओ घर,

अन्यथा होगा सर्वनाश !”

 

शरी-शुक Read more >

निशान्त-लीला ४

राग विभाव

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मिट गया चन्दन, टूट गये आभूषण,

छूट गया कुन्तल[1]-बन्धा,

अम्बर[2]स्खलित, गलित कुसुमावली[3],

धुंधला दोनों मुखचन्दा ।

 

हरि ! हरि ! क्या कहूं ?

अब दोनों किशोरी-किशोर,

दोनों के स्पर्श-रभसRead more >

निशान्त-लीला – ३

राग ललित भैरवी

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श्याम सु-नागर[1], मदन-मत्त[2] कुञ्जर[3],

ऐसो कियो रस-उन्माद[4] में,

किशोरी हमारी ननी[5] की गुड़िया,

मुरझा गई रति-अवसाद[6] में ।

 

हरि हरि !

कैसे लौटेगी धनी घर ?Read more >

निशान्त-लीला – १

राग भैरवी

सोये हैं गोराचांद विचित्र पलंग पर,

शयन-मन्दिर में शय्या अति मनोहर ।

 

प्रेमालस में अवश हैं नटराज गौर,

कैसे कहूं अंग-शोभा, शब्द नहीं और ।

 

मेघ[1] की बिजली[2] किसीने छानकर,

गोरा-अंग बनाया रस घोलकर Read more >

Happy Sri Guru Purnima to All!

Radhe Radhe!

ajñāna timirāndhasya jñānāñjana-śalākayā |
cakṣur unmilitaṁ yena tasmai śrī-gurave namaḥ || 1 ||

śrī-caitanya-mano’bhīṣṭaṁ sthāpitaṁ yena bhū-tale |
so’yaṁ rūpaḥ kadā mahyaṁ dadāti sva-padāntikam || 2 ||

śrī guru caraṇa padma, kevala bhakati sadma
bandoṅ mui sābadhāna sane … Read more >

Little birdies chirping in Nikunja today

ब्रज कुंजोकी , सुन्दरता अनुपम

वृन्दा सजाके , करे मोहित युगल को

विविध रंगबिरंगी  ,अन्नेक पूष्प

जिसकी सुगंध करे  , लाल को आकर्षित

कुञ्ज मुखरित किया शुक , सारिका और

नाना प्रकार के   सुंदर पंछियो से

जो करे लाल की Read more >

Yashoda Maiya decorating Neelmani

Radhe Radhe !
 
 
यशोदा मैया अपने प्यारे नट्खट को साज शृंगार कराके वन भेजती है । आखिर उनका बेटा कोई छोटा मोटा काम थोड़ा ही करता है ? उसका स्टेटस बहुत हाई है !!! वह गौ चराता है ।इसलिये वे
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